– कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्याम सिंह राणा रहे समापन कार्यक्रम में मुख्य अतिथि
– बाेले – किसानों के लिए लाडवा उपकेंद्र में हर वर्ष तैयार किए जाते हैं एक लाख पौधों की पौध : श्याम सिंह राणा
– बागवानी क्षेत्र के प्रगतिशील 10 किसानों को 5100 रुपए, ट्राफी व प्रशंसा पत्र देकर किया सम्मानित
लक्षित सैनी
राज की नीति न्यूज, लाडवा (कुरुक्षेत्र) :
कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्याम सिंह राणा ने कहा कि प्राकृतिक खेती से किसान द्वारा पैदा की फसल को खरीदने के लिए प्रदेश सरकार ने गुरुग्राम में अनाज मंडी तैयार की है। अनाज मंडी में फसल की क्वालिटी चेक करने के लिए एक लैब स्थापित की गई है। लैब में क्वालिटी तय होने के बाद गठित की गई कमेटी द्वारा फसल का भाव तय कर उसको खरीदा जाएगा। उन्होंने कहा कि खनन से होने वाले गड्ढों का प्रयोग मछली पालने के लिए किया जाएगा। नई योजनाओं से हर वर्ग की आमदनी को बढ़ाकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में वर्ष 2027 तक हमारा देश विश्व की तीसरी बड़ी शक्ति बन जाएगा। वे रविवार को उप उष्णकटिबंधीय फल केंद्र लाडवा में आयोजित 7वें फल उत्सव मेले में मुख्य अतिथि के रूप में बोल रहे थे।
उन्होंने दीप प्रज्ज्वलन कर कार्यक्रम का विधिवत रूप से शुभारंभ किया। उन्होंने फल केंद्र परिसर में आम का पौधा रोपित किया। कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्याम सिंह राणा ने बागवानी क्षेत्र के प्रगतिशील 10 किसानों को 5100 रुपए, ट्राफी और प्रशंसा पत्र देकर सम्मानित किया। साथ ही मेले में लगाए गए स्टॉल का निरीक्षण कर आम की किस्म के बारे में विशेषज्ञ से जानकारियां प्राप्त की। राणा ने कहा कि प्रदेश सरकार का लक्ष्य है कि प्रदेश में एक लाख एकड़ में प्राकृतिक खेती करके फसलों को तैयार किया जा सके। अब तक 10 हजार एकड़ में किसानों द्वारा प्राकृतिक खेती की जा रही है, जो दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। उन्होंने कहा कि अच्छे अनाज को खाने से बीमारियों नहीं आएंगी और हमारा स्वास्थ्य ठीक रहेगा। साथ ही समाज, प्रदेश व देश की तरक्की होगी। हर वर्ग के व्यक्ति के लिए स्वास्थ्य, परिवार और देश ही सबसे कीमती चीज होती है। इस कीमती चीज की सुरक्षा प्राकृतिक खेती से पैदा अनाज का सेवन करने से होगी।

2016 में 10 हजार और आज एक लाख पौध होती हैं तैयार
कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्याम सिंह राणा ने कहा कि वर्ष 2016 में लाडवा में इंडो इजराइल तकनीक के तहत उप उष्णकटिबंधीय फल केंद्र स्थापित किया गया था। इस केंद्र की 10 हजार पौधों से शुरुआत हुई थी, अब प्रतिवर्ष 1 लाख पौधों की पौध तो किसानों के लिए तैयार की जा रही है। साथ ही आम, लीची, नाशपाती, आडू व चीकू सहित छह फसलों पर अनुसंधान किया जा रहा है। इसके फल केंद्र में वैज्ञानिकों एक ऐसा आम का पेड़ तैयार किया जा रहा है, जिसके फल की मार्केट में करीब एक लाख रुपए प्रति किलो कीमत मिल सकती है। साथ ही एक पौधे को छह कलमों से तैयार करके छह प्रकार के फल एक ही पेड़ से प्राप्त किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि हर साल लाडवा उप केंद्र से किसानों को एक लाख पौधे दिए जा रहे हैं।
परंपरागत खेती में बदलाव को 17 केंद्र
मंत्री श्याम सिंह राणा ने कहा कि किसानों की आमदनी बढ़ाने और परंपरागत खेती में बदलाव लाने के लिए प्रदेश में ऐसे 17 केंद्र खोले जाने हैं, जिनमें से 11 बनकर तैयार हो चुके हैं। जल्द ही अंबाला में लीची और स्ट्रॉबेरी के लिए यमुनानगर में उप केंद्र स्थापित किया जाएगा। किसानों के लिए गेहूं और धान की फसल के अलावा बागवानी, मछली पालन, मधुमक्खी पालन, डेयरी व अन्य फसलों को अपनाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि ऐसा करने से प्रदेश में आर्थिक स्थिति मजबूत होगी। युवाओं को बेरोजगारी से छुटकारा मिलेगा। आम हिंदुस्तान का फल है, पूरे दुनिया में हमारे भारत से ही आम की सप्लाई होती रही है। कृषि मंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार लगातार किसानों के लिए योजनाएं बना रही है। योजना बनने के बाद किसानों की तरफ से जो समस्या, दिक्कत सामने आती है, उसे उसी हिसाब से योजना में परिवर्तन करके किसानों को लाभ दिया जाता है। इस मौके पर चेयरमैन धर्मवीर मिर्जापुर, नगर पालिका रादौर अध्यक्ष रजनीश महता, बागवानी विभाग के एचओडी विशेष डॉ. अर्जुन सिंह सैनी, बागवानी विभाग के महानिदेशक डॉ. रणबीर सिंह, उप उष्णकटिबंधीय फल केंद्र लाडवा के उपनिदेशक डॉ. राकेश कुमार, जिला बागवानी अधिकारी डॉ. सिवेंदु प्रताप सिंह सोलंकी, बागवानी विशेषज्ञ डॉ. धर्मपाल सहित प्रदेशभर से पहुंचे किसान भी मौजूद रहे।
