– इस्काॅन द्वारा निकाली गई भगवान जगन्नाथ रथयात्रा, शनिवार देर रात तक भगवान के शब्दों से गुंजायमान रहा शहर
लक्षित सैनी
राज की नीति न्यूज, कुरुक्षेत्र :
अंतरराष्ट्रीय कृष्णभावनामृत संघ (इस्कान) द्वारा शनिवार रात भगवान जगन्नाथ रथ यात्रा निकाली गई। इसमें हजारों श्रद्धालुओं ने भक्ति, उल्लास और आध्यात्मिक ऊर्जा के साथ भाग लेकर धर्मनगरी को भगवान जगन्नाथ की भक्ति से सराबोर कर दिया। जगह-जगह रथयात्रा पर पुष्प वर्षा की गई। प्रदेश के कृषि मंत्री श्याम सिंह राणा और पूर्व मंत्री सुभाष सुधा ने जगन्नाथ जी की रथ यात्रा से पूर्व परंपरागत राजा प्रतापरुद्र सेवा करते हुए रथ के मार्ग को झाडू लगाकर शुद्ध किया।
इस मौके पर कृषि मंत्री ने कहा कि इस्कान जैसे आध्यात्मिक कार्यक्रम और कहीं भी देखने को नहीं मिलते। कुरुक्षेत्र में बन रहा भव्य कृष्ण-अर्जुन मंदिर पूरी दुनिया में अद्भूत है। यह सेवा न केवल वैष्णव परंपरा का प्रतिनिधित्व करती है, बल्कि सच्चे राजा की विनम्रता का भी प्रतीक है। कार्यक्रम में अन्य गणमान्य लोग भी सम्मिलित हुए। इस्कान कुरुक्षेत्र अध्यक्ष साक्षी गोपाल प्रभु ने बताया कि यह रथ यात्रा केवल एक धार्मिक परंपरा नहीं, बल्कि भगवान की जगन्नाथ की साक्षात कृपा है। भगवान स्वयं भक्तों के पास चलकर आते हैं और रथ पर दर्शन देते हैं। उपाध्यक्ष मोहन गौरचंद्र प्रभु ने सभी सेवकों का आभार व्यक्त किया और भविष्य में इससे भी अधिक भव्य आयोजन का संकल्प दोहराया।

यात्रा में गूंजता रहा हरे कृष्ण और जय जगन्नाथ
रथ यात्रा का प्रारंभ दोपहर 12 बजे ज्योतिसर स्थित इस्कान श्रीकृष्ण-अर्जुन मंदिर से हुआ, जहां भक्तों की उपस्थिति में भगवान जगन्नाथ, बलराम और सुभद्रा जी की महाआरती की गई। भक्ति-संगीत, वैदिक मंत्रों और पुष्प सज्जा से सुसज्जित मंदिर परिसर में अत्यंत भावपूर्ण वातावरण था। आरती के बाद सभी भक्तों के लिए प्रसाद की व्यवस्था की गई। सायं पांच बजे रथ यात्रा का प्रारंभ ब्रह्मसरोवर से हुआ। भगवान जगन्नाथ के रथ को श्रद्धालुओं ने प्रेमपूर्वक रस्सियों से खींचा और पूरे मार्ग में हरे कृष्ण हरे कृष्ण महामंत्र और जय जगन्नाथ से वातावरण गूंजता रहा। बिरला मंदिर, रेलवे रोड, पिपली रोड होते हुए सेक्टर-13 स्थित कांग्रेस भवन तक लगभग पांच किलोमीटर तक भक्तिमय यात्रा सेक्टर-13 में संपन्न हुई।
रास्ते भर श्रद्धालुओं ने और क्रेन से की गई पुष्पवर्षा
रथयात्रा मार्ग को भव्य स्वागत द्वारों, रंगोली सज्जा, फूलों और पताका से सजाया गया था। चौक-चौराहों को रंग-बिरंगी रोशनियों से रोशन किया गया था। रास्ते भर श्रद्धालुओं ने रथयात्रा के सेवकों पर पुष्पवर्षा की। इसके अलावा प्रमुख चौराहों पर क्रेन के माध्यम से भी पुष्पवर्षा की गई, जिससे भक्त भाव-विभोर हो उठे। कई स्थानों पर 56 भोग भगवान को समर्पित किए गए, जो बाहर से आए विशिष्ट भक्तों द्वारा पारंपरिक विधि से तैयार किए गए थे।

सेक्टर-13 में हुई संपन्न, भक्तों के लिए किया रात्रि भंडारे का आयोजन
यात्रा के आगे-आगे पूरे देश से आए युवा भक्तों की संकीर्तन मंडलियां नृत्य-मृदंग के साथ हरे कृष्ण महामंत्र का संकीर्तन करती चलीं। महिलाएं, बालक, वृद्ध सभी ने इस भक्ति संगीत में समान रूप से सहभागिता की। रथ यात्रा के दौरान पुलिस, जिला प्रशासन, नगर परिषद और इस्कान के स्वयं सेवकों द्वारा ट्रैफिक, सुरक्षा, जल सेवा, प्राथमिक चिकित्सा की व्यवस्था की गई थी। रथ मार्ग पर सफाई, मार्गदर्शन और शांति बनाए रखने के लिए स्वयं सेवक पूरे दिन सक्रिय रहे। रथ यात्रा का समापन सेक्टर-13 के कांग्रेस भवन में हुआ, जहां सभी भक्तों के लिए विशाल रात्रि भंडारे का आयोजन किया गया।