कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा के मार्गदर्शन में महिला अध्ययन शोध केन्द्र द्वारा सोमवार को महिलाओं का पोषण एवं स्वास्थ्य विषय पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। केंद्र की निदेशिका प्रो. अनीता दुआ ने सभी अतिथियों का स्वागत किया तथा अच्छे स्वास्थ्य की उपयोगिता के बारे में बताया। उन्होंने कार्यशाला का उददेश्य बताते हुए कहा कि शारीरिक एवं मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाए रखने में अच्छे लाइफ स्टाइल एवं पोषण की अहम भूमिका है। इस कार्यशाला द्वारा विद्यार्थियों को एक ऐसा मंच प्रदान किया गया जहां वे अपने शारीरिक एंव मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दों की चर्चा कर सकें तथा जीवन शैली में बदलाव हेतु बारीकियों को समझे।
कार्यक्रम के प्रथम सत्र में हार्टफुलनेस ध्यान प्रशिक्षिका एवं राज्य संयोजिका लवलीना, ने ‘इंटीग्रेटेड अप्रोच आफ मेडीटेशन’ पर व्याख्यान दिया। उन्होंने कहा कि तनाव प्रबन्धन, रिकवरी, फिटनेस तथा पोषण अच्छे स्वास्थ्य की पहचान हैं। उन्होंने कहा कि सम्मान को ठेस पहुंचना, कार्यक्षेत्र व व्यक्तिगत क्षेत्र में संतुलन न होना, व्यक्तिगत संबंध खराव होना, आर्थिक संकट आदि ऐसे कारक हैं जो सामान्य व्यक्ति के जीवन में तनाव उत्पन्न करते हैं। उन्होंने आगे कहा कि शारीरिक गतिविधियों को बढ़ाकर, भोजन एवं पोषण को संतुलित करके, बेहतर नींद तथा ध्यान के माध्यम से तनाव को कम करते हैं। उन्होंने विचारों, शब्दों तथा व्यवहार में बदलाव लाने के लिए विद्यार्थियों को प्रेरित किया।
दूसरे सत्र में आई.आई.एच.एस. के बायोकेमिस्ट्री विभाग से प्रो. अश्वनी मित्तल ने जीवन शैली की बीमारियों एवं उसकी बायोकेमिस्ट्री पर व्याख्यान दिया। उन्होंने मोटापा, बी.एम.आर., बी.एम.आई. की चर्चा करते हुए कहा कि मोटापा बीमारियों की पहली सीढ़ी है। उन्होंने हृदय संबंधी बीमारियों, केंसर आदि को भी स्पष्ट किया तथा कहा कि भारत में खतरनाक तरीके से इसमें वृद्धि हो रही है। इस कार्यक्रम में लगभग 80 विद्यार्थियों ने भाग लिया। इस अवसर पर डॉ. विनीत, डॉ. अनीता भटनागर, डॉ. पूनम, डॉ. वन्दना दवे, अन्नु रानी, राजेश, मनजीत, रविन्द्र, ज्योति आदि उपस्थित रहे।
