हरियाणा में बढ़ते जल संकट को लेकर हस्तक्षेप करे केंद्र सरकार : कुमारी सैलजा

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राज की नीति न्यूज, चंडीगढ़ :

अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की महासचिव, पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं सिरसा की सांसद कुमारी सैलजा ने केंद्र सरकार से हरियाणा में बढ़ते जल संकट को लेकर हस्तक्षेप करने का अनुरोध किया है। साथ ही भाखड़ा बांध से हरियाणा को मिलने वाले जल में हो रही कटौती पर गंभीर चिंता व्यक्त की है। सांसद ने सुझाव दिया है कि हरियाणा को मिलने वाले जल हिस्से में न्यूनतम 50 प्रतिशत की बढ़ोतरी की जाए ताकि राज्य की बढ़ती जनसंख्या, सिंचाई योग्य भूमि और औद्योगिक आवश्यकताओं की पूर्ति हो सके।
सांसद ने केंद्रीय जल शक्ति मंत्री  सीआर पाटिल को पत्र लिखकर प्रदेश में बढ़ रहे जल संकट को लेकर चिंता व्यक्त करते हुए कहा है कि पानी देने में पंजाब मनमानी कर रहा है, जबकि हरियाणा में जल संकट काफी गंभीर बना हुआ है। इस जल संकट को लेकर केंद्र सरकार से हस्तक्षेप की मांग करते हुए कुमारी सैलजा ने कहा है कि जल समझौते के अनुसार भाखड़ा बांध से हरियाणा को पानी दिलाया जाए। कुमारी सैलजा ने पत्र में लिखा है कि भाखड़ा बांध के तहत हरियाणा को 9500 क्यूसिक जल मिलने का अधिकार है, लेकिन पंजाब सरकार की ओर से निरंतर इसमें कटौती की जा रही है, जिससे सिरसा सहित प्रदेश के विभिन्न कृषि क्षेत्रों में सिंचाई और पेयजल की स्थिति अत्यंत गंभीर हो गई है। सांसद सैलजा ने इस बात पर बल दिया कि हरियाणा देश के अन्न उत्पादन और औद्योगिक विकास में अहम भूमिका निभाता है और ऐसे में जल की समुचित आपूर्ति सुनिश्चित करना अति आवश्यक है। उन्होंने यह भी मांग की कि भाखड़ा नांगल बांध में गाद की सफाई की परियोजना को शीघ्र प्रारंभ किया जाए ताकि इसकी भंडारण क्षमता में वृद्धि हो सके। कुमारी सैलजा ने यह भी सुझाव दिया कि हरियाणा को मिलने वाले जल हिस्से में न्यूनतम 50 प्रतिशत की बढ़ोतरी की जाए ताकि राज्य की बढ़ती जनसंख्या, सिंचाई योग्य भूमि और औद्योगिक आवश्यकताओं की पूर्ति हो सके। सांसद ने केंद्रीय मंत्री से अपील की है कि इस विषय पर शीघ्र कार्रवाई की जाए और हरियाणा के जल अधिकारों की रक्षा के लिए प्रभावी कदम उठाए जाएं।
हरियाणा में लंबी होती जा रही है घोटालों की फेहरिस्त
सांसद कुमारी सैलजा ने कहा कि प्रदेश की भाजपा सरकार चाहे भ्रष्टाचार मुक्त शासन-प्रशासन के कितने भी दावे करें पर सच्चाई ये है कि इस सरकार के कार्यकाल में एक से बढ़कर एक बड़ा घोटाला होता जा रहा है। इस भाजपा सरकार में घोटालों की फेहरिस्त लंबी होती जा रही है। पानीपत नगर निगम में 15.84 करोड़ का सफाई घोटाला इसका ताजा उदाहरण है। ठेके में 1259 कर्मचारियों की तैनाती दिखाई गई, लेकिन जमीनी जांच में केवल 847 कर्मचारी मिले। फिर भी हर महीने 66 लाख का भुगतान होता रहा। अब जब पोल खुली है तो कार्रवाई का नाटक किया जा रहा है, पर सवाल यह है कि बिना सत्ता की मिलीभगत के इतना बड़ा घोटाला क्या संभव था?

कुमारी सैलजा

 

 

 

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