राज की नीति न्यूज, चंडीगढ़ :
हरियाणा प्रदेश भयंकर जल संकट से त्राहिमाम है। भाखड़ा का पानी 8500 क्यूसेक से घटाकर 4000 क्यूसेक कर दिया गया है। पूरे हरियाणा में पेयजल की भयंकर किल्लत है। 215 जलघर पूरी तरह सूख चुके हैं और 10 जिलों मुख्यतः कैथल, कुरुक्षेत्र, जींद, फतेहाबाद, सिरसा, भिवानी, दादरी, रेवाड़ी और महेंद्रगढ़ में गंभीर जल संकट है। भीषण गर्मी में गांव के तालाब भी लगभग सूख गए हैं और मवेशी प्यासे मरने की कगार पर खड़े हैं। पूरे प्रदेश में टैंकर माफिया हावी है और 1000 रुपया प्रति टैंकर के हिसाब से वसूली हो रही है। यह बात कांग्रेस वरिष्ठ नेता एवं राज्यसभा सांसद रणदीप सिंह सुरजेवाला ने चंडीगढ़ में जारी एक बयान में कही।
उन्होंने कहा कि 15 मई से पहले कपास की फसल-नरमा की बिजाई होनी चाहिए। विशेषतया हरियाणा के कॉटन बाउल सिरसा, हिसार व फतेहाबाद में, जहां 5 लाख हेक्टेयर नरमा की बुआई होती है, वह गंभीर संकट में है। सुरजेवाला ने कहा कि हरियाणा में उत्पन्न भयंकर जल संकट के बीच पंजाब व हरियाणा के मुख्यमंत्री भगवंत मान व नायब सैनी केवल बयानबाजी और एक दूसरे को ‘लव लैटर’ लिखने में व्यस्त हैं या फिर चंडीगढ़ में दोनों इकट्ठे होकर फोटो खिंचवाते या गलबइयां करते नजर आते हैं। पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान के सिर पर सत्ता का नशा चढ़ कर बोल रहा है तो नायब सैनी केंद्रीय भाजपा सरकार, खासतौर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व बिजली मंत्री मनोहर लाल खट्टर से हरियाणा का हक दिलवाने की बजाय कभी सर्वदलीय बैठक का स्वांग रचते हैं तो कभी अदालत का दरवाजा खटखटाने के बहाने ढूंढते हैं। बदनीयत साफ है – एक दूसरे से नूराकुश्ती करते जाओ और राजनीति चमकाते जाओ।
